वक़्त यूँ गुज़र रहा, जैसे ठंडी हवा का हो झोंका
कुछ कर जा इस पल में, किसने है तुझे रोका
ऐसा वृक्ष लगा धरा में, फल जिसका सदियां खाएं
जब गुठली गिरे कहीं उसकी, तो वृक्ष एक और लग जाए
ये ना सोच क्या करना है आज, बैठे बैठे मुझसे जुड़ जा
सिर्फ समझना शुरू कर, और बैठे बैठे ही बढ़ जा
वृक्ष ऐसा बो आज तू, जो पीपल बरगद जैसा हो
जीवन को जो कायम रखे, जीवन अपना वैसा हो
ऐसा पंछी बन जा तू, जो गुठली साथ ले उड़ता है
जहां जहां जब डेरा डाले, वृक्ष वहीँ पर बढ़ता है
अपना दल बल मिशन ग्रीन है, दल में तू भी आजा ना
निर्बल को भी जीवंत कर दे, ऐसा बल दिखलाजा ना
पुनीत वर्मा, मिशन ग्रीन दिल्ली कम्युनिटी मिशन ग्रीन ग्रुप के साथ जुड़ने के लिए 9910162399 पर व्हाट्सप्प करें
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