सूर्य और धरती के बीच की दूरी कोपर्निकस के जन्म से हज़ार साल पहले आर्यभट ने नाप ली थी और इसकी जानकारी हमे यजुर्वेद के खगोल शास्त्र में मिलती है। नक्षत्र विज्ञान , दिनों के नाम , रात और दिन के समय आर्यभट ने डिसकवर कर दिए थे। धरती अपनी एक्सिस पे घूमती है ये आविष्कार दसवीं शताब्ती में हो गया था। सत्रह सौ आठ में डेनियल दिफ्फी बताते हैं कि भारतीय विज्ञानिक या खगोल शास्त्री कई वर्ष पहले ही सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण कि भविष्य वाणी कर देते हैं जो कि बिलकुल सही होती है।
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