कॉलेज के वो दोस्त, मुघ्को याद आ गए

चलते चलते हाई वे पर, मेन गेट को मैंने चूमा – कॉलेज की उन् यादों को, लेकर फिर ये मन है झूमा
यादों के वो बादल, सालों बाद छा गए – कॉलेज के वो दोस्त, मुघ्को याद आ गए
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पास होने की खातिर, रात गवाई शिक्षा में – परचा भरने की खातिर, मुंडी घूमी परीक्षा में
क्लास रूम के मंजर, सालों बाद आ गए – कॉलेज के वो दोस्त, मुघ्को याद आ गए
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हॉस्टल का वो बेड, मेस का वो खाना – दिवाली के दिन, वो घर को वापस आना
कपड़ों का बैग लेकर , बस स्टैंड पर आ गए – कॉलेज के वो दोस्त, मुघ्को याद आ गए
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परीक्षा के दिन, वो मूवी हेंग आउट करना – बास्केट बाल के ग्राउंड में , वो क्रेजी शोउट करना
हॉस्टल रूम से लिखते लिखते, ग्रीन ब्लॉग पर आ गए – कॉलेज के वो दोस्त, मुघ्को याद आ गए

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खुद से मुलाकात

किसी भी व्यक्ति से जुड़ने से पहले खुद से जुड़ना आवश्यक है.  चुम्बक की ताकत तभी समझ में आती है जब सभी एक दिशा में चल रहे हों. नकारात्मक सोच हमसे हमारी चुबकिय शक्ति छीन लेती है. इसलिए उससे दूर रहने में ही समझदारी है.  और जिस प्रकार नकारात्मक व्यक्ति हमे दिशाहीन कर देता है,  उसी प्रकार से नकारात्मक सोच और अभीमान हमे रास्ते से भटका देते है. एक व्यक्ति टी पॉइंट पे आकर रुक जाता है और उसको समझ नहीं आता की कहाँ जाना है. इस प्रकार भ्रम के कारण वो दिशाहीन हो जाता है.  यहाँ हमे समझना होगा की एक समय पे एक ही रास्ते पे चला जा सकता है. इसलिए हमे अपनी मस्तिस्क में से वो टी पॉइंट साफ़ करना होगा. सामने खडा हर व्यक्ति एक चश्मा पहन कर निकलता है जिसको हम नजरिया कहते है. तो अगर हम उसके द्वारा दिखाई जा रही हरियाली को नहीं देख पा रहे हैं तो इसमें हमारा दोष है. और ऐसा करके हम अपना और दूसरों का बहुत सारा वक़्त बर्बाद कर देते हैं और सही दिशा में आगे नहीं बढ पाते हैं. हमारा फ़र्ज़ है की हम वो चस्मा पहने और उसके बाद ही  कोई निर्णय लें. जीवन बहुत आसान हो जाएगा.

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देख के सपना ग्रीन शहर का, सोच हमारी बदल गयी

ग्रीन स्क्रीन का जादू ऐसा, शहर है बदला, देश है बदला  – माया के सब परदे उठ गए, झूठा अपना भेस है बदला
ज्यों ज्यों तेरा मन ये बदला, धरती सारी बदल गयी  – देख के सपना ग्रीन शहर का, सोच हमारी बदल गयी
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मन की सारी चिंता छूटी, जीवन ये आसान हुआ – ग्रीन टेक पे समय बिताकर , दिल से तू धनवान हुआ
आँख खुली जब हमने देखा, दृष्टी सारी बदल गयी
ज्यों ज्यों तेरा मन ये बदला, धरती सारी बदल गयी  – देख के सपना ग्रीन शहर का, सोच हमारी बदल गयी
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अहम् को अपने पीछे छोड़ा, सुन्दर ये संसार हुआ  – मीठे बोल जो तुने बोले, सबको  तुघ्से प्यार हुआ
प्यार में तेरे सब कुछ बदला, सांस हमारी बदल गयी
ज्यों ज्यों तेरा मन ये बदला, धरती सारी बदल गयी  – देख के सपना ग्रीन शहर का, सोच हमारी बदल गयी

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