आज दिवाली आई है

चम चम करती उषा में, टूटा सबका दिल जुड़ रहा
बच्चों थोड़ा बचकर खेलो, पटाखों का धुंआ उड़ रहा
शहर में अपने दीप जल रहे, घर घर खुशियाँ लाइ है
जल्दी से हम पूजा कर लें , आज दिवाली आई है

लड्डुओं का भोग लगाकर, गणपति को प्यार जताकर
पंडित जी को भूख लग गयी, सबको गीता सार सुनाकर
लक्ष्मी जी के चरणों में , माँ ने आरती गाई है
जल्दी से हम पूजा कर लें , आज दिवाली आई है

बेच रहे हैं नकली मीठा, देखो उल्टा काम कर रहे
धोखा देकर लाला जी, देखो मदिरा पान कर रहे
स्वीट्स बेचकर लाला जी ने, कर ली खूब कमाई है
जल्दी से हम पूजा कर लें , आज दिवाली आई है

मिशन ग्रीन की कविता लिखकर, दुखी हो रहा अपना ये चित्त
पटाखों का धुंआ उड़ाकर , शहर हो रहा हर पल दूषित
देखो ध्वनि प्रदुषण में, दिल्ली आज समाई है
जल्दी से हम पूजा कर लें , आज दिवाली आई है

पुनीत वर्मा की कलम से – मिशन ग्रीन दिल्ली

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