आज दिल्ली का आम आदमी क्या चाहता है ? ये सवाल है और इसका जवाब है कि दिल्ली कि महिलाएं अपने लिए सुरक्षा चाहती हैं और आजादी चाहती हैं. वो नहीं चाहती कि दिल्ली को एक रेप कैपिटल कह कर बुलाया जाए। दिल्ली के युवा चाहते हैं अपने लिए काम और रोजगार। वो चाहते हैं की दिल्ली में रोजगार कि कमी ना हो। आज हर इंसान चाहता है कि दिल्ली में शराब, सिग्रेट और नशीले तत्वों पर रोक लगा दी जाए ताकि दिल्ली में सड़क दुर्घटनाएं ना हो , महिला शोषण ना हो। दिल्ली में किसी को पानी , बिजली , रहने और खाने कि कमी ना हो। आम आदमी चाहता है कि दिल्ली में इतनी सफाई हो कि कोई भी बीमारी दिल्ली कि जनता को छु ना सके। सारा शहर हरियाली से भरा हो और प्रदुषण रहित हो। दिल्ली में लोग इतने सभ्य और मजबूत हो जाएं कि कोई भी लालच और सम्मान उनको हरा ना सके। इछाओं से हारने कि बजाए हरेक व्यक्ति अपनी इछाओं पर विजय विजय प्राप्त करें। सड़कों कि , अस्प्तालों कि , स्कोलोन कि और सरकारी दफतरों कि सफाई के साथ साथ मन और बुधि कि सफाई कि जाए। बुजुर्गों कि इज़त हो और होनहार नोजवान शहर छोड़कर दुसरे देश में जाकर ना बस जाएं। बच्चों को भारतीय संस्कृति कि शिक्षा दी जाए और केवल अंग्रेजी ज्ञान ही ना दिया जाए। शहर और देश स्वस्थ बने और सभी जगह अनुशाशन और समय से काम पूरे हों।