डेंगू की कहानी

papeeta
दिल्ली में डेंगू बुरी तरह से फ़ैल रहा है. ऐसे में समझ नहीं आता के क्या करें। क्यों सर में दर्द हो रहा है. क्यों बार बार बुखार आ रहा है. क्यों टांगो में कमजोरी महसूस हो रही है. क्यों उलटी आने जैसा मन हो रहा है. क्यों शरीर पर रशेस पड़ने लगे हैं. ब्लड टेस्ट करवाने पर पता चलता है के खून में प्लेटलेट्स में कमी आ रही है. डॉक्टर कह रहा है की अस्पताल में एडमिट हो जाओ.  लगातार २ हफ़्तों से ग्लूकोस चढ़ाया  जा रहा है. लेकिन प्लेट लेट्स हैं की कम ही होते जा रहे हैं. डॉक्टर कहता है की और प्लेटलेट्स डालने होंगे। तो फिर उसी ब्लड ग्रुप का बन्दा मिलना मुश्किल हो जाता है जो अपने खून के प्लेट लेट्स डोनेट कर दे. अगर ऐसा कोई मिलता भी है तो उसका वेट कम होने की वजह से उसे ब्लड डोनेशन अल्लाओ नहीं किया जाता। फिर किसी और ब्लड डोनर को ढूँढना पड़ता है. और उधर डॉक्टर कहता है की प्लेट लेट्स और कम हो गए हैं, सिर्फ आठ हज़ार ही रह गए हैं. बड़ी दुविधा में फंस जाते हैं. क्या करें, क्या ना करें। और फिर अचानक से कोई डोनर मिल जाता है, लेकिन अब डोनर के ब्लड को प्लेटलेट्स में बदलने वाला इंस्ट्रूमेंट नहीं है. अब उसकी जानकारी नहीं है। वो इंस्ट्रूमेंट दिल्ली में कौन कौन से अस्पताल में है ? और जब पता चल जाता है तो फिर उस हस्पताल में डोनर्स की लाइन लगी होती है और अपना नंबर कब आएगा ये समझ नहीं आता. और जब नम्बर आ भी जाता है तो डॉक्टर कहता है की खून में से प्लेटलेट्स फ़िल्टर करने में  कम से कम एक घंटा लगेगा। मरीज और परेंशान हो रहा है. क्या करना है और क्या नहीं , कुछ समझ नहीं आ रहा. सभी कह रहे हैं की प्लेटलेट्स बढाने के लिए नारियल का पानी पीते रहो, पपीते के पतों का जूस पीते रहो, गिलोय के डंडियों को उबाल कर उसका पानी पीते रहो. बकरी का दूध पियो। जूस पियो। कीवी का फल खाओ, जापानी अंगूर खाओ. लेकिन मरीज ये सब नहीं खा रहा है. डॉक्टर ने प्लेट लेट्स एक थेली  में डाळ कर दे दिए हैं और अब वो एक घंटे में मरीज तक पहुंचाने हैं नहीं तो वो खराब हो जाएंगे। प्लेटलेट्स मरीज तक पहुंचा दी. ग्लूकोस की जगह अब प्लेट लेट्स चडाने शुरू कर दिए. इससे मरीज का प्लेटलेट्स काउंट कुछ बड़ गया. अब उसे और पपीते का जूस, बकरी का दूध, ग्लो का पानी  और नारियल पानी पिलाया जा रहा है , जिससे प्लेटलेट्स पहले पैंतीस हजार और फिर पेंतालिस हज़ार और अब स्तर हजार से ज्यादा हो गए. ये तीन हफ्ते मरीज के लिए मानो पपीते का करवा जूस बन गए हो. लेकिन ख़ुशी की बात है की मरीज की अस्पताल से छुट्टी हो गयी. अब मरीज ज्यादा समझदार  हो गया है और अपने घर पे काला हिट लेकर आ गया है. पूरी बाजू की शर्ट पहन रहा है और मच्छरों से बचने के लिए कहीं भी पानी इकठा नहीं होने दे रहा है.

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