वेबसाइट कैसे खोलते हो ?

क्या आप जानते हैं की आप इन्टरनेट कैसे एक्सेस करते हैं. आप अगर इस समय अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पे बैठे हैं तो सुनिए. मैं जब अपने घर में अपने कंप्यूटर से किसी वेबसाइट का एड्रेस अपने कंप्यूटर पे डालता हूँ तो वो वेबसाइट एड्रेस एक नंबर में बदल जाता है जिसको हम आई पी एड्रेस भी कहते हैं. इस वेबसाइट एड्रेस को नंबर में बदलने का काम DNS मशीने  करती है जिसके दो नंबर या तो हम अपने कंप्यूटर की TCP / IP सेट्टिंग में डालते हैं या हमारे मोडेम में डाला जाता है. और वो नंबर एक तार जिसको RJ -45 भी कहते हैं, के द्वारा हमारे कंप्यूटर के पीछे लगे लान कार्ड से हो कर मेरे मोडेम तक पहुँचता है. मेरा मोडेम एक डिब्बी से जुड़ा हुआ है जिसे splitter भी कहते हैं. यह डिब्बी हमे हमारे ISP या इन्टरनेट सेवा प्रदान करने वाले टेलेफ़ोन ऑफिस से जोडती है. इस डिब्बिया के दूसरी पोर्ट या hole में हम एक तार जीसको RJ 11 भी कहते हैं के जरिये टेलेफ़ोन जोड़ सकते हैं. और फिर इस डिब्बिया के तीसरे hole से एक कापर की तार और फाइबर की तार हमे टेलेफ़ोन के दफ्तर तक ले जाती है. टेलेफ़ोन दफ्तर में एक डिब्बा जीसको हम IPDSLAM भी कहते हैं वो ऐसी कई तारों के  कुन्ड की तरह काम करता है. यह IPDSLAM हमे एक पॉइंट जीसको हम NAP नेटवर्क एक्सेस पॉइंट कहते हैं के जरिये हमे दूसरे इन्टरनेट दफ्तरों से कोन्नेक्ट करता है. और हर NAP फाइबर ऑप्टिक से बनी तारों के समूह जीसको backbone भी कहते हैं के जरिये  हमे दूसरे देशों से जोड़ता है. यह फाइबर ऑप्टिक की तारें कई किलो मीटर तक बिच्छी रहती हैं और कई tera bytes का डाटा भेजने में सक्षम होती हैं. कई बार समंदर में बिच्छी यह तारें खराब हो जाती हैं और हमारे NAP में जीसको govt manage करती है इन्टरनेट की सेवा बंद हो जाती है. अब अगर सेवा चल रही है तो मेरा नंबर इन् सब रास्तों से होकर उस मशीन तक पहुँच जाएगा जिसपर वेबसाइट रखी  हुई है. उस मशीन पर एक वेबसाइट को चलाने वाला सॉफ्टवेर चल रहा है जीसको हम ज्यादातर Apache या IIS कहते हैं जो हमारे इन्टरनेट एक्स्प्लोरर या Firefox Browsers को वेबसाइट का पेज भेजता है. और इस तरह हम फसबूक या जीमेल खोल पाते हैं.

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