Digging Happiness Out of Stress

जिंदगी का नाम अंजाम को प्लान करना है. और यह देखना है की जो भी हम कार्य करते हैं उसका अंत सुखद कैसे होगा. स्ट्रेस मैनेजमेंट के कई solutions के बारे में हम पड़ते हैं और उनको अपनी जिंदगी में इमप्लेमेंट करने की कोशिश करते हैं. और अगर हम एक working professional की बात करें तो वो कई तरह के उपाय खोज निकालता है और उनका इस्तेमाल करता है. लेकिन मुघे ऐसा लगता है की यह सभी उपाय कुछ देर तक काम करते हैं लेकिन फिर ऐसा लगता है जैसे एक तेज चलती गाडी में से पेट्रोल ख़तम हो गया हो. तनाव समाप्त करने का तरीका जो मुघे सबसे ज्यादा मजेदार लगता है वो है की जिंदगी में जब कोई भी मुश्किल घडी आ जाए, हम पूरी तरह टूट जाएं तो उस घडी को कभी भी bypass ना करें. उसको उसी तरह मान लेना चाहिए जैसे हम दिन और रात को मान लेते हैं. और कभी यह सवाल नहीं उठाते की दिन क्यों हुआ या अब रात क्यों हैं. यह दोनों जिंदगी के अंग हैं और अगर हम इनसे इनकार करके बैठ जाएं और कहने लगें “यह हमेशा मेरे साथ ही क्यों होता है ?”, तो इसमें समझदारी नहीं है. समजदार इंसान वो है जो जानता है की क्या उसके नियंत्रण में है और क्या नहीं. जो उसके नियंत्रण में है उसके लिए वो पूरी महनत करता है और जो उसके नियंत्रण में नहीं है उसकी वो चिंता नहीं करता. मैने कहीं पडा था की “अगर आप बहुत मेहनत करते हैं और उसपर थोडा चिंतन करते हैं, और फिर भी आपको रिजल्ट नहीं मिलता तो आपको और मेहनत करनी चाहिए. और फिर से उसपर चिंतन करना चाहिए. और फिर भी आपको रिजल्ट नहीं दिखते, तो और मेहनत करनी चाहिए. और उसके बाद भी आपको रिजल्ट नहीं दिखता, तो मान लेना चाहिए की इसमें आपका कोई दोष नहीं है. जिस दिन हम यह मान लेंगे उस दिन हम अपने कार्य का मज़ा लेने लग जाएंगे और रिजल्ट अपने आप हमारे पीछे भागते हुए नज़र आएंगे”. ऐसी हज़ारों चीज़ें इस दुनिया में है जो मेरे नियंत्रण में नहीं है तो क्या में एक मूर्ख की तरह उन् हज़ारों चीज़ों का चिंतन करूँ. इसका जवाब है की मैं सत्य को मान लूँ और गीत गाता हुआ आगे बढूँ.

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