प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन

प्लास्टिक ऎसी चीज़ है जो प्रतिदिन हमारे दिल्ली शहर को दूषित कर रही है. एन डी टी वी बेकार हुए  प्लास्टिक की व्यवस्था करने के लिए कैम्पेन कर रहा है. अगर आप अपना बेकार प्लास्टिक जमा करना चाहते हैं तो नीचे दिए हुए सेंटर्स पे कांटेक्ट करें:

Chintan Environmental Research and Action Group
238, Sidhartha Enclave, New Delhi – 110014, India
You can also call us at +91-11-4657 4172 or 4657 4171, or email us at info@chintan-india.org
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Indian Pollution Control Association
Reg. Office:
450/1/B-1, Street No. 14 A, Vishwas Nagar, Shahdara,
Delhi-110032, INDIA
Branch Office:
4 DDA Shopping Complex,
Hargovind Enclave, Vikas Marg, Delhi-110092.
Phone:011-42207478 +91-9312432405, 9818323370
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Development Links Foundation
20, Masihgarh
Sukhdev Vihar
New Delhi – 110025
Phone number: +91 – 11 – 41320294
Mail us: info@developmentlinks.org.in

आखिर क्या हुआ था ?

आखिर क्या हुआ था की सोने की चिड़िया कहा जाने वाला देश आज पीतल की चिड़िया बन गया. क्यों देश में लालच, अपराध और बीमारियों ने अपना घर बना लिया। पिछले दो सौ साल में ऐसा क्या हो रहा है की हम आर्थिक तौर पर गीरते ही जा रहे हैं. वो कौन से दानव हैं जिनको हम अपने घर से बाहर नहीं निकाल पा रहे हैं. क्या इसका कारण सौ साल पहले तक्षिला गुरु कुल को आग लगाना है. क्या इसका कारण सौ साल पहले शराब को कलकत्ता शहर में आमंत्रित करना है ? क्या इसका कारण सौ साल पहले वैश्य्व्रती को आमंत्रित करना है ? क्या इसका कारण सौ साल पहले विदेशी रेसेअर्चेर्स को आमंत्रित करना है ?

यह वही देश है जहां ब्राह्मी और देवनागरी लिपि का आविष्कार हुआ और पूरी दुनिया ने अपनी भाषाओं का आविष्कार इसे किया। ये वही देश है जहां आर्य भट्ट जैसे गणितज्ञ हुए और उन्होंने समय को मापना को सिखाया  जिसेसे पूरा विश्व आज काम कर रहा है.  ये वही देश है जहां का स्टील पूरी दुनिया में सोने के बदले खरीदा जाता था और उसी स्टील से सर्जरी के उपकरण बनाए जाते थे. ये वही देश है जहां बालक साड़े पांच साल से चौदह वर्ष में ही विज्ञानिक पंडित बन जाया करते थे. ये वही देश है जिसके ग्रंथों का अध्यन पूरी दुनिया ने किया और कई आविष्कार किये। ये वही देश है जिसको मकौले जैसे अंग्रेज ने गरीबी रहित, बेरोजगारी रहित और चोरी चकारी रहित देश बताया था।

अब सवाल ये है की क्या हम शराब को त्याग पाएंगे ? क्या हम अश्लीलता को त्याग पाएंगे ?  क्या हम अपने ग्रंथों को खोज कर उनका अध्यन कर पाएंगे ? अगर ऐसा हुआ तो हम फिर से सोने की चिड़िया बन जाएंगे और खजाना खोजने के लिए किसी भूमि को खोदने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

हल्थी हार्ट, लंग्स, स्किन और बालों के लिए

beat

एक सवाल।  विटामिन्स क्यों जरुरी हैं ? आखिर क्यों ? शरीर के करबोहाईडरेट्स  को ग्लूकोस में बदलते हैं और ग्लूकोस से शरीर में एनर्जी और सफुर्ती आती है और थकान और आलसपन ख़तम हो जाता है.

विटामिन्स से हमारा नर्वस सिस्टम नयात्रित रहता है जिससे डिप्रेशन और स्ट्रेस समाप्त हो जाता है।  कोलेस्ट्रोल  की मात्रा नियंत्रित हो जाती है और हाई बी पी और स्ट्रोक से बचाव होता है।

बालों नाखूनों और स्किन  को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन चहिये। नए सेल बनाने में मदद करते हैं।  ब्रेस्ट , लंग्स और प्रोस्ट्रेट कैंसर से बचाव करते हैं.

अब ये जानना जरुरी है की विटामिन कोन सी चीज़ों से मिलेंगे ? अंडे दूध माखन और पनीर विटामिन्स के सोर्स हैं.

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