Transformational human inside me

ऐसा लगता है की मैं एक व्यक्ति नहीं हूँ बल्कि छे तरह के मानवों का एक समूह हूँ.  और कुछ ही पल में इस समूह में से एक मानव खड़ा हो जाता है और बाकी सब बैठ कर उसकी बातें सुनते हैं. आज मैं ग्रीन स्क्रीन पर इन् पांच मानवों का एक एक कर के अपने आप से परिचय करवाऊंगा.  पहला मानव बहुत ही भावनात्मक और गुस्से वाला है.  ये मानव दिल का साफ़ है और आसानी से प्यार और  ममता जैसे गुणों में बंध जाता है. फिर इसके लिए इस बंधन से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. ये दूसरों का दुःख नहीं देख सकता है और अपनों को नुक्सान पहुंचाने से डरता है. दूसरा मानव हमेशा दुनिया से कटा हुआ रहता है और केवल अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए ही हर कार्य करता है. इसको दुनिया में किसी की परवाह नहीं है. जब भी आप इससे बात करेंगे तो ये केवल अपने लक्ष्य की बातें करेगा और बाकी हर चीज़ को नकार देगा. तीसरा मानव वो है जिससे हम हमेशा दूर रहना चाहते हैं. क्योंकि ये हमेशा हर चीज़ में कमी निकालता है. आप अगर इससे थोड़ी दूर भी बैठे हैं तो ये आपको एहसास करवाएगा की आप परनोइड हैं. कृपया इस मानव को ज्ञान ना बांटें. चौथा मानव वो है जो हमेशा हरियाली और समृधि की बातें सोचता है और करता है. ये बहुत ही रचनात्मक है और कल्पनाओं और योजनाओं का भण्डार है.ये हर चीज़ में कुछ नया और अलग ढूँढता है. पांचवा मानव वो है जो सबको आगे बदने की प्रेरणा देता है और हमेशा सकारात्मक और जिंदगी में आगे बदने की बातें करता है. और छठा मानव मैं हूँ जो आकाश की तरह खड़ा होकर इन सभी मानवों का ध्यान रखता है और इनको सही समय पर बिठाता और उठाता रहता है.

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