खिड़की खुली है, आज अचानक – ख़तम हुई है, रात भयानक
तेरे शीतल हाथ छुए तो, ख़तम अँधेरा हो गया – आँखें खुली तो मैंने पाया, आज सवेरा हो गया
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होठों को मुस्कान मिली है, तेरी हंसी का जादू चल गया – तन्हाई के जंगल में , खुशिओं का अब रस्ता मिल गया
दिशा हुई है आज हमारी, वक़्त हमारा हो गया – तेरे शीतल हाथ छुए तो, ख़तम अँधेरा हो गया
आँखें खुली तो मैंने पाया, आज सवेरा हो गया
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सपना टूटा, हमको लूटा, तेरी मीठी बोली ने – शहर ये बदला, देश ये बदला, ग्रीन टेक की टोली ने
चिड़िया चहकी जीवन में तो, शुरू बसेरा हो गया – तेरे शीतल हाथ छुए तो, ख़तम अँधेरा हो गया
आँखें खुली तो मैंने पाया, आज सवेरा हो गया