Month: December 2011
पढते पढते ग्रीन ब्लॉग को, काहे तू मुस्काई है
भ्रष्ट काल के मौसम में, देश में देखो अनशन हो गए
ठंडी के इस मौसम में, सूरज के अब दर्शन हो गए
ग्रीन टेक की बातें करके, हमने शान बड़ाई है
पढते पढते ग्रीन ब्लॉग को, काहे तू मुस्काई है
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जुबान पे अपनी लौक लगाके, ज्ञान को तुमने क्यों है रोका
सुरों पे अपने रोक लगाके, गान को तुमने क्यों है रोका
शहर के अपने काम ना आई, कैसी वो पढाई है
ग्रीन टेक की बातें करके, हमने शान बड़ाई है
पढते पढते ग्रीन ब्लॉग को, काहे तू मुस्काई है
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दिल्ली दर्शन करते करते, देखो मैं भी ग्रीन हो गया
बादल सारे छुप गए अब तो , देखो बढ़िया सीन हो गया
कोफ़ी की इस शाप पर, कैसी भीड़ लगाईं है
ग्रीन टेक की बातें करके, हमने शान बड़ाई है
पढते पढते ग्रीन ब्लॉग को, काहे तू मुस्काई है
Good Morning my dear, Welcome to life again