बारिश में हैं भीग रही जो, जुल्फें वो बेहोश कर रही
काजल में से देख रही जो, आँखें वो मदहोश कर रही
दिल्ली को जो ग्रीन कर रहा, ग्रीन टॉप का जादू ऐसा
ग्रीन हमारी सोच कर रहा, ग्रीन ब्लॉग का जादू ऐसा
हंसी तुम्हारी सुनते सुनते, कोयल कु कु भूल रही अब
होके मस्त बहारों में, डाल व्रक्ष झूल रही अब
ग्रीन ब्लॉग का नाम जप रहा, शहर का अपने साधू ऐसा
ग्रीन हमारी सोच कर रहा, ग्रीन ब्लॉग का जादू ऐसा
चाल तुम्हारी मस्त देख कर, कार भी चलना भूल गयी अब
रोशन भीगी सड़क हुई अब, शाम भी ढलना भूल गयी अब
पैदल चलना सीख रहा अब, शहर का अपने बाबू ऐसा
ग्रीन हमारी सोच कर रहा, ग्रीन ब्लॉग का जादू ऐसा
पुनीत वर्मा की कलम से – मिशन ग्रीन दिल्ली ब्लॉग