लीडस् नहीं मिलती हैं , जब उज़र्स एक्सटेंसिव ना हो
बाउंस रेट बढ़ जाता है, जब वेबसाइट रेस्पोंसइव ना हो
इन्फो ग्राफ़िक का जमाना है, स्क्रॉल मोर हो जाता hai
अगर कंटेंट ज्यादा हो तो, यूजर बोर हो जाता है
कंटेंट फ्लो नहीं होता, गर वेबसाइट में फीड ना हो
यूजर फेसबुक पे चला जाता है, गर वेबसाइट में स्पीड ना हो
स्लइडर्स डिसएबल करके,फ्लैट डिज़ाइन मस्त लगता है
नेविगेशन फिक्स्ड ना हो तो, विज़िटर्स को कष्ट लगता है
पैसे देकर वेंडर को, ना तुम इतना क्राई करो अब
मिशन ग्रीन की पोएम पढ़ के , पारालैक्स स्क्रॉलिंग ट्राई करो अब
वही पुरानी साइट देखकर, दुनिआ सारी पेन्सिव हो गयी
जल्दी से अब कर लो ओपन, ग्रीन टेक रेस्पॉन्सिव हो गयी
पुनीत वर्मा की कलम से – मिशन ग्रीन दिल्ली ब्लॉग