जोड़े जो धागे गांठ बने

relation

कच्चे धागों से बांधे जो
रिश्ते बहुत ही नाज़ुक थे
गांठ मार कर हाथ छिले
धागों में सलवट पटी पड़ीं
गिरहें हैं कि खुलती ही नहीं
चटक रहीं रह रह कर
क्या सूत की फितरत है ऐसी

फिर बांधी डोर जो रेशम की
मखमली गुदगुदी सुरमई सी
फिसल फिसल जाए जब तब
कभी इस लिए कभी उस लिए
क्या ऐसी डोर भी होती है
चटके न जो घड़ी घड़ी
तुनक जरा सी टूटे वो फिर खड़ी पड़ी

गांठों का क्या पड़ जाएंगी
उम्रों की हों या नातों की
गिरह समझ बांध ले अब
यादों की हों या रिश्तों की

??? भूपेष खत्री

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अमलतास कथा

amaltas

आकाश करे आलिंगन मुझको
सहज प्रखर सूर्य का चुम्बन

पीताभ वस्त्र ओढ़नी बना के
दमके ललाट धरती सुत का

द्राक्ष फल सा विस्मित यौवन
आयुर्वेद का अमलतास फल

निर्भीक खड़ा अनल के मुख में
छाया करता पथिक को सुख दे

पीतांबर मैं नीला है अम्बर
ग्रीष्म पुष्प खिला हूँ सुंदर

??? भूपेष खत्री
????????

Too much heat. Amaltas flowers more when Loo is at its peak in summer. द्राक्ष कहते हैं अंगूर को अमलतास के पीले गुच्छे पीले अंगूरों जैसे लगते हैं . आयुर्वेद में यह महत्वपूर्ण फल है . भरपूर गर्म मौसम में इसकी हल्की मादक खुशबू आती है

For more info refer:
https://hi.m.wikipedia.org/wiki/अमलतास

अमलतास के 15 फायदे – अमलतास के औषधीय गुण Amaltas Tree Flowers Benefits


https://en.m.wikipedia.org/wiki/Cassia_fistula

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हां मैं कूड़ा उठाता हूँ

safaai karmchaari

तीन चक्र पे हुआ सवार
काष्ठ तन का मैं अवतार
सुबह सवेरे जुट जाता हूं
हां मैं कूड़ा उठाता हूं

मलीनता से सराबोर
जन का त्यज्य अपनाता हूं
दुर्गंध से मैं नहाता हूं
हां मैं कूड़ा उठाता हूं

मुझ उपेक्षित को नहीं सराहता
राहगीर मुंह फेर निकलता
पात्र बना निष्ठुरता का
हृदय में कसमसाता हूँ
हां मैं कूड़ा उठाता हूं

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