आज दिन है हमारी जीत का

आज का दिन जशन का दिन है. आज अन्ना का दिन है. आज हर उस वीर और वीरांगना का दिन है जिन्होंने देश की सेवा करते हुए अपने जीवन को समर्पित कर दिया. आज दिन है झाँसी की रानी को याद करने का जिसने बचपन में ही पूरी दुनिया से ये कह डाला था “मेरी झांसी नहीं दूँगी”. जिसने छोटी सी उम्र में अपना सर कटा कर भी देश की रक्षा की थी. आज दिन है नमन का हर उस वीर को जो देश की रक्षा में जुटा है. आज दिन है वापस बुलाने का हर उस हिन्दुस्तानी को, जो हमसे रूठ कर दुनिया के किसी कोने में चला गया है.  आज दिन है इन्सानिअत का, आज दिन है दोस्तों को गले लगाने का. आज दिन है गरीब को उठाने का, कमजोर को जगाने का. आज दिन है किसान का, आज दिन है एकजुट होकर काम करने का. आज दिन है सत्य का, आज दिन है धर्म का. आज दिन है सरकार की जीत का, आज दिन है हर पार्टी की जीत का. आज दिन है भारत की जीत का, आज दिन है हमारी जीत का. Long Live India

The Power of Lokpal Lens

दोस्तों लोकपाल बिल एक लेंस की तरह है और हमारे लिए यह जानना और भी जरूरी हो गया है की इस सच्चाई के लेंस के नीचे किस किस को डालना होगा. और इसके साथ साथ यह भी जानना जरूरी है की जिन नेताओं को हम खुद चुन कर संसद तक ले जाते हैं, क्या  उनको लोकपाल के लेंस के नीचे ले जाना ठीक होगा ? और अगर ये ठीक है तो हमारे द्वारा किये गए चुनाव पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है. लोकपाल बिल कब आएगा इसका तो अभी तक कोई deadline नजर नहीं आ रहा लेकिन दिल्ली में लोकपाल के लिए उमरे जन सैलाब ने पूरी दुनिया के लिए उदाहरण पेश किया है. ना सिर्फ दिल्ली की जनता ने, बल्कि पूरा भारत आज दुनिया को corruption से लड़ने का उदाहरण पेश करता हुआ नज़र आ रहा है. आज भारत के लोगों ने दिखा दिया की हम भले ही अलग अलग ऊँगली की तरह नजर आते हों लेकिन हम एक ही शरीर का हिस्सा हैं जो जब चाहे मुक्का बन कर दुश्मन का मुह तोड़ सकता हैं. आज के इस जन सैलाब से पडोसी देश भी सीख लेंगे और अपने अपने देशों में आन्दोलन खड़ा करेंगे. आओ दोस्तों … आज देश को बदलने की नहीं … शहर को बदलने की नहीं … दूसरों को बदलने की नहीं … अपने आप जो जानने की और बदलने की प्रतिज्ञा करें और इस विशाल खुशबूदार, पावन नदिया के साथ बहते चलें जाएं और एक नया शहर देखें जिसका सपना हम कई वर्षों से देख रहे थे. इन्सानिअत जिंदाबाद.

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