अपना वाहन त्याग के अब तो , दिल्ली मेट्रो पकड़ लो भाई

पोलूशन को टाटा करके , ग्रीन टेक को जकड लो भाई
अपना वाहन त्याग के अब तो , दिल्ली मेट्रो पकड़ लो भाई
जला रहे क्यों जीवन सबका, प्रदुषण की ज्वाला से
शहर को अपने स्वर्ग बनाओ, कृष्ण पुष्प की माला से

जहर उगलती कारों का, मेला सुबह शाम लगा है
दिल्ली के हर कोने में , देखो कितना जाम लगा है
शहर को अपने आज बचा लो, अपने ग्रीन विचारों से
मुक्त करो अब दिल्ली को, जहर उगलती कारों से

छोटा सा ही निर्णय होगा, बड़ा नहीं ये काम है कोई
चल पड़ेगा  शहर ये सारा, चल पड़ेंगी टाँगे सोयी
आओ चल कर स्वर्ग बनाएं, दिल्ली की इन सड़कों को
पैदल चल कर सबक सिखाएं, रजो गुणी इन् लड़कों को

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