उसको तू उठा ज़रा, सूरज तू दिखा ज़रा

जीवन में अपने, आ काम कर दें धांसू
आ पोंछ दे चल के, उस मजबूर के आंसू
जो रोता है अकेला, डरता है सोने में
मानस जो तड़प रहा,  घर के किसी कोने में
जिंदगी से हार गया है, तूफ़ान जिसे मार गया है
उसको तू उठा ज़रा, सूरज तू दिखा ज़रा

रोक के जो बैठा है, वर्षा के पानी को
मूक हो रहा जीवन जिसका, तरस रहा है वाणी को
उस बाँध को तोड़ दें , चल चलकर उसको जोड़ दें
ग्रीन टेक का ज्ञान दे, कर दे जीवन हरा भरा
उसको तू उठा ज़रा, सूरज तू दिखा ज़रा

मिशन ग्रीन का एक लब्ज़, होठों से बोल दे
शीतल कर दे मन उसका, सोम रस तू घोल दे
पंखियाँ उसे प्रदान कर, आसमा में उड़ने की
शक्ति उसे प्रदान कर, जीवन में लड़ने की
हर पल यूँ ही हँसते रहना, उसको तू सिखा ज़रा
उसको तू उठा ज़रा, सूरज तू दिखा ज़रा

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