सब कुछ जिसमे डूब रहा अब , काल का बादल वो देखो

छोटी छोटी बातों पर, मन करता है हल चल ये देखो
सब कुछ जिसमे डूब रहा अब , काल का बादल वो देखो
काल ये कोई और नहीं, जिसपर अपना जोर नहीं
तुझको भी ये ले जाएगा, मुझको भी ये ले जाएगा
अन्धकार में डूब रहा जग, कांप रहा सम तल वो देखो
सब कुछ जिसमे डूब रहा अब , काल का बादल वो देखो

अर्जुन को जो रूप दिखाएं, कृष्ण काल की बात बताएँ
सब कुछ हर दिन खत्म हो रहा, क्यों तू अपना राज दिखाए
तू जिसपर अपना प्यार लुटाए, खत्म हो रहा पल पल वो देखो
अन्धकार में डूब रहा जग, कांप रहा सम तल वो देखो
सब कुछ जिसमे डूब रहा अब , काल का बादल वो देखो

सोते सोते भय सताए, काल हमको निगल ना जाए
परमाणु की शक्ति से , धरती सारी पिघल ना जाए
ओपन हिमर याद कर रहा, कुरुक्षेत्र का स्थल वो देखो
अन्धकार में डूब रहा जग, कांप रहा सम तल वो देखो
सब कुछ जिसमे डूब रहा अब , काल का बादल वो देखो

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