शुरू हो गया प्रजातंत्र में, कुरुक्षेत्र का युद्ध ये देखो
सारे कौरव पीछे पड़ गए, अभिमन्यु के विरुद्ध ये देखो
कौन बचाए अभिमन्यु को, कोई उसको व्यूह बताओ
देश की खातिर शहर में अपने, अर्जुन को तुम आज जगाओ
अर्जुन देखो आज रो रहा, अपनों की इस पीड़ा में
अपनों में वो आज खो गया, वक़्त बिताए क्रीड़ा में
सब कुछ छोड़छाड़ कर अब तुम, अभिमन्यु की जान बचाओ
देश की खातिर शहर में अपने, अर्जुन को तुम आज जगाओ
धर्म मार्ग पर चलने को, कृष्ण हमे निर्देश दे रहे
धनुष उठाओ उनपर अब तो, जो हमको सब द्वेष दे रहे
मुश्किल लगता हर पल तुमको, ऐसा अब तुम कदम उठाओ
देश की खातिर शहर में अपने, अर्जुन को तुम आज जगाओ
– पुनीत वर्मा की कलम से, मिशन ग्रीन दिल्ली
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