मैं सूर्य देवता को प्रणाम करते हुए अपना यह लेख शुरू करता हूँ. जानता हूँ की अभी मैं धरती की दिशा के कारण उनके दर्शन नहीं कर पा रहा हूँ लेकिन उनकी किरणों का ताप इस शीतल रात्री में भी मेरे कण कण में प्रकाशित हो रहा है. ये सूर्य देवता का ही चमत्कार है की आज विधुत जगत में सूर्य ऊर्जा का विकास हो रहा है. बहुत ख़ुशी होती है यह जानकार की गुजरात जैसे भारतीय शहरों में सूर्य ऊर्जा स्त्रोतों की रचना हो रही है और मुघे उम्मीद है की उनकी कृपा से जल्द ही हम उर्जा के क्षेत्र में आत्म निर्भर हो पाएंगे और कोयले और तेल जैसे बहुमूल्य संसाधनों को बचा पाएंगे. अब वो दिन दूर नहीं जब हर ग्रामीण अपने खेतों की सिंचाई सूर्य और वायु ऊर्जा से कर पाएगा और भारत का हर एक कोना हरियाली और खुशहाली से खिल उठेगा.मैं जानता हूँ की अभी भारत बाईलेटरल विद्युत व्यापार में अन्य देशों के मुकाबले इतना बढ़िया परफोर्म नहीं कर पा रहा है, लेकिन उम्मीद करता हूँ की सूर्य देवता की कृपा से जल्द ही हम bilateral ट्रेडिंग में नंबर एक पे होंगे.