है हिम्मत तो हाथ मिला

यूँ ना चल तू ठुम्मक ठुम्मक के, यूँ ना चल तू उछल उछल के – आँखें फेर के हमसे हर पल , यूँ ना चल तू मचल मचल के
मस्त भरी इस दुनिया में, तेरा मुघ्को साथ मिला – छोड़ के सब कुछ हंस के दिखा , है हिम्मत तो हाथ मिला

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दिल्ली की इस मस्त जगह पर, ग्रीन टेक की हरी सतह पर – लिखने में मैं ट्रेन हो गया , मैं तो तेरा फेन हो गया
ग्रीन ग्लास में भर कर अब तो , ग्रीन टेक का जाम पिला – मस्त भरी इस दुनिया में, तेरा मुघ्को साथ मिला
छोड़ के सब कुछ हंस के दिखा , है हिम्मत तो हाथ मिला

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मस्त ये देखो मीन हो गया, दिल्ली का दिल ग्रीन हो गया  – भूल के सब कुछ रैम की तरह, सिस्टम अपना क्लीन हो गया
मिशन ग्रीन का स्कैन चलाके, ग्रीन हैण्ड को ज़रा हिला  – मस्त भरी इस दुनिया में, तेरा मुघ्को साथ मिला
छोड़ के सब कुछ हंस के दिखा , है हिम्मत तो हाथ मिला

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ग्रीन टेक भी रहेगा , मैं भी हर पल रहूँगा

फूलों जैसा खिलूँगा , नदिया जैसा बहूँगा – ग्रीन टेक भी रहेगा , मैं भी हर पल रहूँगा

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खुद से जो इरादा किया था, तुघ्से जो वादा किया था – उसको फिर ना भूलूंगा, आसमा को छुलूँगा
तेरा ही बस नाम रहेगा, तेरा ही बस ध्यान रहेगा – सब झूटों को छोड़कर, अब तेरा ही बस ज्ञान रहेगा
हरियाली की बात करूंगा, और ना कुछ भी कहूँगा – फूलों जैसा खिलूँगा , नदिया जैसा बहूँगा
ग्रीन टेक भी रहेगा , मैं भी हर पल रहूँगा

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सुख दुःख की अब बात ना होगी, जीत हार की चाह ना होगी – त्याग भोग का जाल कटेगा , नफरत की अब राह ना होगी
दुनिया के इस बाग़ में, भवरा बन कर उडूँगा – फूलों जैसा खिलूँगा , नदिया जैसा बहूँगा
ग्रीन टेक भी रहेगा , मैं भी हर पल रहूँगा
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जात पात का भेद ना होगा , राजनीती का काज ना होगा – मुल्कों के इस जाल में, तत्वों का अब राज ना होगा
साम दाम के जंगल में, इंसान बन कर चलूँगा – फूलों जैसा खिलूँगा , नदिया जैसा बहूँगा
ग्रीन टेक भी रहेगा , मैं भी हर पल रहूँगा

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