चल पड़ा है मिशन ग्रीन दिल्ली अब ना ये रुकने पाएगा
पुनीत भूपेश जैसे योधाओं से ये मंज़िल अपनी पाएगा
हवा मिलेगी ताज़ी सबको प्रदूषण का नामोंनिशाँ होगा
हरे भरे पेड़ों से सज़ा हम सबका भी दिल्ली मे एक आशियाँ होगा
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चल पड़ा है मिशन ग्रीन दिल्ली अब ना ये रुकने पाएगा
पुनीत भूपेश जैसे योधाओं से ये मंज़िल अपनी पाएगा
हवा मिलेगी ताज़ी सबको प्रदूषण का नामोंनिशाँ होगा
हरे भरे पेड़ों से सज़ा हम सबका भी दिल्ली मे एक आशियाँ होगा
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जिन पंच तत्वों में पला, उनके लिए छोटी सी कोशिश । मिशन ग्रीन दिल्ली, मेरा छोटा सा विश । अगर स्वप्न आपका भी है यही, तो और कोई ख्वाइश नही । चलो साथ साथ चलें, रह ना जाए कोई रंजिश । मिशन ग्रीन दिल्ली , मेरा छोटा सा विश ।
सुंदर जीवन का सपना, और सुंदर शहर का । ची ची करती चिड़िया का, और बहती नहर का । शुद्ध बहती यमुना, और यमुना में बहती फिश । मिशन ग्रीन दिल्ली, मेरा छोटा सा विश ।
साईकल की सवारी करते जन, महरौली से बढ़ते वन । हर गृह होगा वृक्ष की ओट में, खुशियां लाएंगे जब उपवन । कर लें आओ हम सब कोशिश, नही पियेंगे पॉल्युशन का विष । मिशन ग्रीन दिल्ली, मेरा छोटा सा विश
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पंख बो गया जाते जाते
पतवारों सँग बहते बहते
पवन लहर संग खेल रहा मैं
हरियाली कुछ गुदगुदा गई
रिमझिम बूंदें कुछ सुना गईं
हृदय राग उत्सव खिला गई
दादा के संग खेल खेल में
जो बीज बोए थे बचपन में
वट-वृक्ष बने बाहें झुला रहे
उन्नत उद्दात खिलखिला रहे
रह रह स्मृति में कम्प मचा रहे
दूर्वा-दल भी हंसती थी यूं
कुछ कम नहीं समझती थी वो
गिलहरी ने भी योग दिया
बालुका कणों से सेतु चिना
पुरुषार्थ करो रंच मात्र भी
उत्तराधिकारी करें याद भी
अंजुरी भर भर बीज चुनें हम
हरियाली की राह चुनें हम
हो भावी पीढ़ी का पथ प्रशस्त
वन-उपवन की बाढ़ लगाओ
मधुरस सुरभित पवन तुम पाओ
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