पांच महीने बीते झट से, लेकर गर्मी जून आया – दिन भर तपती धरती पर, ठंडक लेकर मून आया
देखो टीना थक कर बैठी, देखो राहुल थक कर बैठा – लेकर टोनिक खुशिओं का, ग्रीन टेक का स्पून आया
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मानव के कर्मो से कब तक, धरती जलती जाएगी – हफ्ता हफ्ता वेट करा कर, बरखा कब तू आएगी
गर्म गर्म ये रूरकी बीता, आखिर देहरादून आया – देखो टीना थक कर बैठी, देखो राहुल थक कर बैठा
लेकर टोनिक खुशिओं का, ग्रीन टेक का स्पून आया
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काट काट कर पेड़ों को, इतना कागज़ क्यों तू खाए – देकर धोखा दुनिया को, दिल को अपने क्यों जलाए
रक्त दान के सेण्टर पर , देकर अपना खून आया – देखो टीना थक कर बैठी, देखो राहुल थक कर बैठा
लेकर टोनिक खुशिओं का, ग्रीन टेक का स्पून आया
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शीतल शीतल प्याऊ का, शीतल शीतल पानी पी ले – सचे गुरु के मुख से निकली, मीठी मीठी वाणी पी ले
मिशन ग्रीन का सुन्दर सपना, लेकर ये जूनून आया – देखो टीना थक कर बैठी, देखो राहुल थक कर बैठा
लेकर टोनिक खुशिओं का, ग्रीन टेक का स्पून आया
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