फॉरेन दियां किताबां , पड़ के तू तान सो गयी – मार के ताने मेनू, लड़ के तू तान सो गयी
जा तू अपने कार नु जा, तेरे नाल कोई मेरा बेर नहीं – बापू अपने डा पता दस दे, अज तान ओदी खेर नहीं
दुनिया दे बाज़ार विच ,प्यार मोह्हबत तू तान पुल गयी – जिवें तेरा दिल है बदला,जान तान साडी आज ही रुल गयी
नेइ जच्या तेनु कार मेरा , जच्या तेनु शहर नहीं – बापू अपने डा पता दस दे, अज तान ओदी खेर नहीं
कान तान मेरे बंद कर दे ,या मू तू अपना बंद कार ले – जा तू किथे कूम के आ , शट डाउन अपना द्वन्द कर ले
मोड़ के बुथा कार नु जा , इत्थे तू तान ठेर नेइ – बापू अपने डा पता दस दे, अज तान ओदी खेर नहीं
इंग्लिश फिल्मान देखदी किवें ,तेनु कोई ना शर्म है औंदी – पिट पराने पल पल पित्दी, चुठो छूठ हमेशा रौंदी
काल तों मेरे कमरे उत्थे , पायां तू कोई पैर नेइ – बापू अपने डा पता दस दे, अज तान ओदी खेर नहीं
Punjabi Poem – By Puneet Verma