सुबह की हवा का मज़ा, हर पहर में नहीं मिलता – बारिश का ये मज़ा, हर शहर में नहीं मिलता
दिल्ली की हवा में वो बात है दोस्त – दिल्ली वालों सा दिल, हर किसी को नहीं मिलता
मत रोको मुघे यार, इस बारिश में नहाने से – तरसा हूँ इन् बूंदों की, खवाइश में जमाने से
मोह्हबत का किला, हर किसी को नहीं मिलता – दिल्ली का वो बचपन, हर शहर में नहीं मिलता
सुबह की हवा का मज़ा, हर पहर में नहीं मिलता – बारिश का ये मज़ा, हर शहर में नहीं मिलता
मैं कहीं भी रहता हूँ , दुनिया में अगर – कहीं भी ले जाती है ये, जिंदगी की डगर
वो दिल्ली का हो हल्ला ,मुघे हर शाम नहीं मिलता – माँ की वो गोद और , आराम नहीं मिलता
सुबह की हवा का मज़ा, हर पहर में नहीं मिलता – बारिश का ये मज़ा, हर शहर में नहीं मिलता
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