देव उजाला भरते नभ में
तारागण की चितवन चकित
पवन सुगंधित सौरभ विस्मित
जल जीवन जलधि हो अमृत
औषध हरित पुलकित सुरभित
खगकुल फैल गगन में उलसित
पुष्पों से हो श्वास परिपूरित
वृक्ष फलों से झूमें हो गर्भित
बाल वृन्द की किलकारी पुलकित
हो नववर्ष की भोर विलसित
आमोद हो प्रमोद हो स्वास्थ्य हो
रहे वसुधा रंग तरंगित परिपूरित