उन सभी कार्यरत मांओं के लिए जो शिशुगृह में बच्चों को दिन भर छोड़ कर काम पर जाती हैं
आतुर कातर से नयनों से
मूक शब्द बस यही पुकारें
बिल्कुल भी मत देर लगाना
मैय्या मेरी जल्दी आना
चौक चौबारा चौखट लांघें
नयनों को अब कैसे बांधें
सुघड़ सलोने से आंगन में
बहुत ढेर से संगी साथी
दौड़ लगाते रोते गाते
खाना खाते फिर सो जाते
सब सपनों में तूँ ही आना
ज़रा तनिक न देर लगाना
मैय्या मेरी जल्दी आना
तेरी याद बहुत सताती
मखमल की सी गर्माहट को
तरसा करते रोते जाते
चार पहर की कैसी दूरी
कितनी मुश्किल हमीं बिताते
दौड़ी दौड़ी जल्दी आना
इक पल भी मत देर लगाना
मैय्या मेरी जल्दी आना