अगर आज धुंआ ना होता, तो ये स्वप्न ना होता
हरियाली की उम्मीद ना होती, ग्रीन दिल्ली का यत्न्न ना होता
हर तरफ शज़र होंगे, सोच यही नायाब है
हम समझेंगे कभी तो, सब्ज़ इ मुहीम का खवाब है
एक ऐसा शहर होगा, जहां सिर्फ तालाब होंगे
शुद्ध जल का मूल्य ना होगा, फूलों के ही बाग़ होंगे
धुल जाएंगे एक दिन, शहर में जो दाग हैं
हर तरफ शज़र होंगे, सोच यही नायाब है
हम समझेंगे कभी तो, सब्ज़ इ मुहीम का खवाब है
ट्रैफिक का चक्रव्यूह ना होगा, शहर की इन सड़कों पर
शालीनता की बरसात होगी, दिल्ली के हम लड़कों पर
तर्क भरे सवालों का, ना कोई जवाब है
हर तरफ शज़र होंगे, सोच यही नायाब है
हम समझेंगे कभी तो, सब्ज़ इ मुहीम का खवाब है
– मिशन ग्रीन दिल्ली ब्लॉग
Facebook Comments