दोस्तों .. हम जानते हैं की जो भी चीज़ हम खरीदते हैं समय के साथ साथ वो पुराणी होती रहती है और उसका मूल्य कम होता रहता है. और एक दिन ऐसा आता है जब हम बहुत कम मूल्य में उस चीज़ को कबार्ड में बेच देते हैं. और फिर और ज्यादा कीमत देकर उसको नयी चीज़ से बदल देते हैं. लेकिन क्या हमारी उम्र जैसे जैसे बड़ रही है, हम अपना सब्स्तीटूट पैदा कर सकते हैं ? मैं बिज़नस करने के लिए एक मशीन खरीदता हूँ और उसके इस्तेमाल से पूरा साल प्रोडक्शन करता हूँ और एक दिन ऐसा आता है जब वो मशीन काम करना बंद कर देती है और मेरा प्रोडक्शन बंद हो जाता है. प्रोडक्शन बंद हो जाता है तो सामान बिकना बंद हो जाता है. और मेरा लाभ आना समाप्त हो जाता है. फिर मैं और पैसा देकर नयी मशीन खरीद लेता हूँ. लेकिन समझदार व्यक्ति वो है जो नयी मशीन के लिए हर महीने के लाभ में से थोडा पैसा जमा करता है. ये तो मशीन की बात थी लेकिन क्या उस दिन जब मेरा शरीर काम करना बंद कर देगा तब क्या मैं इसको नए शरीर से बदल पाऊंगा ? कोई भी बिजनस लाभ के लिए किया जाता है और मुघे पता होना चाहिए की मैंने जो पूरा महीना मेहनत की उससे मुघे क्या लाभ हुआ. और मुघे पता होना चाहिए की मैंने एक महीने में जो पैसा कमाया है उसमे से हर दिन मैंने कितना कहाँ खर्च किया है.और आने वाले महीनो में मैं कितना कहाँ खर्च करूँगा. अगर मैं ये रिकॉर्ड तैयार करता हूँ की कितना पैसा किस कारण डेबिट हुआ है और कितना अगले महीने होगा तो में उस रिकॉर्ड का विश्लेषण करके ये पता लगा सकता हूँ की मेरा धन कहाँ कहाँ व्यर्थ गया है. और अगले महीने में मैं वो व्यर्थ के डेबिट नहीं करने का निर्णय ले सकता हूँ. और वो व्यर्थ होने वाला पैसा मेरे लाभ में जुड़ जाएगा. और इस तरह हर महीने का लाभ जुड़कर पूरे साल लाभ बन जाएगा. और जिस प्रकार एक बिजनस के लिए मैनेजमेंट अकाउटिंग काम करती है, उसी तरह ये हमारे जीवन में प्रतिदिन लाभदायक सिद्ध होती रहती है . मुघे उम्मीद है की सिर्फ इतना काम करने मात्र से वृधावस्था में हमे किसी और की आवशयकता नहीं पड़ेगी.